मधुराष्टकम् हिंदी में Options
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अब सौंप दिया इस जीवन का सब भार तुम्हारे हाथों में
मधुराष्टकम् भगवान कृष्ण की मधुरता और दिव्य गुणों की महिमा को गाता है। यह गीत गोस्वामी वल्लभाचार्य द्वारा संग्रहित है और इसके आठ छंदों में भगवान कृष्ण की मधुरता, आकर्षण, गोपियों के प्रेम, राधा के साथ खेलने की खुशी और अनन्य भक्ति की महिमा का वर्णन किया गया है।
वेणुर्मधुरो adharam madhuram lyrics in hindi रेणुर्मधुरः पाणिर्मधुरः पादौ मधुरौ
गोपा मधुरा गावो मधुरा यष्टिर्मधुरा सृष्टिर्मधुरा ।
नृत्यं मधुरं सख्यं मधुरं, मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ॥३॥
मधुराधिपते – हे भगवान् कृष्ण (मधुराधिपति)
वमितं मधुरं शमितं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरं ..
गुंजा मधुरा माला मधुरा, यमुना मधुरा वीथी मधुरा ।
हृदयं मधुरं गमनं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरं ..
कृष्ण भक्त महाप्रभु श्रीमद्वल्लभाचार्य भगवत्प्रेममय थे। कहा जाता है श्रीमद्वल्लभाचार्य जी कि गोपी प्रेम के साकार स्वरूप ही थे और प्रतिक्षण प्रभु की परम प्रेममयी निकुन्जलीला के दिव्य रस में मग्न रहते थे। उनके रोम–रोम से दिव्य भगवत्प्रेम उमड़ता रहता था। जो भी उनकी सन्निधि में रहता, वह श्रीकृष्णप्रेम–युक्त हो जाता। श्रीमद्वल्लभाचार्य जी ने भगवान श्रीकृष्ण के प्रेम में डूबकर प्रेममयी एक ऐसी स्तुति की रचना की जिसका पाठ करने वाले के रोम–रोम में भी प्रेम का जागरण होने लगता है। महाप्रभु श्रीमद्वल्लभाचार्य के द्वारा उपदेशित पुष्टिमार्ग प्रेममार्ग है।
अधरं मधुरं वदनं मधुरं नयनं मधुरं हसितं मधुरं .
गोपी मधुरा लीला मधुरा युक्तं मधुरं मुक्तं मधुरं
अक्रूर कृत श्रीकृष्ण स्तुति अर्थ सहित
श्री बालमुकुन्दाष्टकं हिंदी अर्थ सहित
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